motivational Quotes in Hindi life Quotes in Hindi
motivational Quotes in Hindi | life Quotes in Hindi |
आपका जवाब मैं कुछ सवाल पूछता हूँ
- हम नज़रिए के साथ ही जन्म लेते हैं बड़ा होने पर विकसित होते हैं? हमारा नज़रिया किन चीज़ों से बनता है? वायुमंडल की वजह से जीवन के बारे में आपका
नज़रिया नकारात्मक (नकारात्मक हो गया है, तो आप उसे बदल सकते हैं? _ _ _ वास्तव में हमारे नज़रिए का ज़्यादातर हिस्सा हमारी ज़िंदगी के
शुरूआती उदाहरणात्मक) सालों में ही बन जाता है।
यह सच है कि हम अपने मिज़ाज की कुछ खासियतों (प्रवृत्ति) के साथ पैदा होते
हैं, लेकिन बाद में हमारा जो नज़रिया बनता
है, उसे खास तौर से ये तीन चीजें (कारक) तय
करती हैं -
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1. माहौल ( Environment ) ……..
2 . तजरबा ( Experience ) ………..
3 . शिक्षा ( Education )…………
इन्हें हम नजरिए के ती E ' कह सकते हैं । अब इन तीनों पर नज़र
डालते द
1 . माहौल ( Environment )
माहौल में ये चीजें शामिल होती हैं घर - अच्छा या बुरा असर ( Home - positive or negative
influences ) स्कूल
- साथियों का दबाव ( School - peer pressure ) काम - मददगार , या ज़रूरत से अधिक नुक्ताचीनी करने वाला सुपरवाइजर ( Work - supportive or over
critical supervisor ) मीडिया - टेलीविजन , अखबार , पत्रिकाएँ
, रेडियो , फिल्में ( Media television , newspaper , magazines , radio , movies ) सांस्कृतिक पृष्ठभूमि ( Cultural background ) धार्मिक पष्ठभूमि ( Religious background ) परंपराएँ और मान्यताएँ ( Traditions and beliefs ) सामाजिक माहौल ( Social environment ) राजनीतिक माहौल ( Political environment ) • •
• • .
v ऊपर बताए गए सारे माहौल मिल कर हमारी
तहज़ीब बनाते हैं । घर हो , संस्था हो , या देश हो - हर जगह की अपनी एक तहज़ीब होती है । उदाहरण के तौर पर , आप एक स्टोर में जाते हैं , तो वहाँ के मैनेजर से लेकर सेल्स
क्लर्क ( sales
clerk ) तक
को विनम्र , मददगार , दोस्ताना और खुशमिज़ाज से भरा पाते हैं ,
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v फिर आप दूसरी दुकान में जाते हैं , तो वहाँ काम करने वालों को रूखा और
बदतमीज़ पाते हैं । आप एक घर में जाते हैं , तो वहाँ माँ - बाप और बच्चों को तमीज़वाला , मिलनसार और दूसरों का ख्याल रखने वाला
पाते हैं , जबकि दूसरे घर में जाने पर हर आदमी को
कुत्ते - बिल्लियों की तरह आपस में लड़ता पाते हैं । जिन देशों की सरकारों और
राजनीतिक माहौल में ईमानदारी होती है , वहाँ के लोग भी आम तौर पर ईमानदार , कानन का पालन करने वाले और मददगारजिस तरह बेईमान और भ्रष्ट माही उसी
तरह ईमानदारी के माहौल में मामूली रे माहौल में अच्छा वह हमेशा ऊपर हमने खुद के
लिए और होते हैं । इसका उलटा भी उतना ही सही है ।
v जिस तरह बेईमानी में एक ईमानदार आदमी का जीना मुश्किल
हो जाता है , उसी तर से भरे माहौल में बेईमान
व्यक्ति को मुश्किल होती है । अच्छे माहौल कर्मचारी को भी काम करने की शक्ति बढ़
जाती है , जबकि बरे माही काम करने वाले की काम
करने की शक्ति घट जाती है । तहजीब ( culture ) कभी नीचे से ऊपर की ओर नहीं जाती है बल्कि वह
हमेशा से नीचे की ओर आती है ।
v हमें पीछे मुड़ कर देखना चाहिए कि हमने खुद के
लि अपने आसपास के लोगों के लिए कैसा माहौल तैयार किया है । बुरे माहौल में लोग
अच्छे व्यवहार की आशा नहीं की जा सकती । जहाँ कानून का न होना ही कानन जाता हो , वहाँ ईमानदार नागरिक भी चोर , उचक्के और बेईमान हो जाते हैं । _ _ _
v कुछ समय निकाल कर इस बात का गौर कीजिए कि हमारा
माहौल हमा कैसे असर डालता है , और हम जो माहौल तैयार करते हैं , वह दूसरों पर कैसे असर डालता है ?
2 . तजरबा ( Experience )
अलग - अलग लोगों से मिले तजरबे के मुताबिक
हमारा व्यवहार भी बदल जाता है । अगर किसी इंसान के साथ हमें अच्छा अनुभव मिलता है , तो उसके बारे में हमारा नजरिया अच्छा
होता है , पर बुरा अनुभव मिलने पर हम सावधान हो
जाते हैं । अनुभव और घटनाएँ हमारी जिंदगी के संदर्भ बिंदु ( reference point ) बन जाते हैं । हम उनसे नतीजे निकालते
हैं , जो भविष्य के लिए मार्गदर्शन ( guidelines ) की भूमिका निभाते हैं ।
3 . शिक्षा ( Education )
शिक्षा औपचारिक ( formal ) , और अनौपचारिक ( informal ) . दोनों तरह की होती है । आजकल हमलोग
सूचनाओं के सागर में गोते लगा रहे हैं , लेकिन ज्ञान और समझदारी का अकाल पड़ा हुआ है । ज्ञान को योजनाबद्ध
ढंग से समझदारी म बदला जा सकता है , और समझदारी हमें कामयाबी दिलाती है । शिक्षक की भूमिका काफी
महत्त्वपूर्ण होती है । उसका प्रभाव अनंत काल Ceternity ) तक रहता है । इसके असर की लहरें अनगिनत हैं ।
शिक्षा ऐसी होनी चाहिए , जो
हमें केवल रोजी - रोटी कमाना नहीं बल्कि का तरीका भी सिखाए ।
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